hindisamay head


अ+ अ-

कविता

वहाँ-यहाँ

अशोक वाजपेयी


वहाँ वह बेहद गरमी में
पानी का गिलास उठाती है ;
यहाँ मैं जानता हूँ
कि ठीक उसी समय
मेरी प्यास बुझ रही है।

 


End Text   End Text    End Text

हिंदी समय में अशोक वाजपेयी की रचनाएँ



अनुवाद